मलता रहा मुद्दतों अपने चेहरे पर नाकामियों की राख तब कहीं जा कर कामयाबी के आईने में निखरा हूँ मैं मलता रहा मुद्दतों अपने चेहरे पर नाकामियों की राख तब कहीं जा कर कामयाबी के आईने म...
चलो चल के देख लो धूप छाँव के भेद को कई सूखे पेड़ है, और कई हरियाली से ढेर है, चलो चल के देख लो धूप छाँव के भेद को कई सूखे पेड़ है, और कई हरियाली से ढेर है...
भाई बहन के रिश्ते का अटूट बंधन हर पल हर क्षण जीवित रहता है। भाई बहन के रिश्ते का अटूट बंधन हर पल हर क्षण जीवित रहता है।
हमारा नया सदस्य, वाहन था वो पहला, कभी आया था वो नया नवेला। हमारा नया सदस्य, वाहन था वो पहला, कभी आया था वो नया नवेला।
आजकल सभी अपनी मातृभाषा का महत्व खोते जा रहे हैं इसलिए यहाँ कुछ ख्याल प्रस्तुत कर रही हूँ आजकल सभी अपनी मातृभाषा का महत्व खोते जा रहे हैं इसलिए यहाँ कुछ ख्याल प्रस्तुत कर...
जनमानस की भाषा हिन्दी... जनमानस की भाषा हिन्दी...